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कालेज लव भाग 2

कुणाल गरिमा को बाइक पर बिठाकर ले जा रहा है कुणाल ने पूछा

कुणाल-" भूख लग रही है क्या"?

गरिमा -"बहुत जोर से"!

तभी कुणाल ने चाट के ठेले के सामने बाइक रोकी और कहां

कुणाल -"चलो,,पहले पेट पूजा, फिर काम दूजा"!

गरिमा -"इस हालत में, मुझे बड़ा अजीब फिल हो रहा है"!

कुणाल -"जो होना था, वह हो गया, अब जो हो रहा है, वह भी हो जाने दो, सिर्फ 5 मिनट लगेंगे"! कुणाल ने रिक्वेस्ट किया

गरीमा ने अपने रिएक्शन से हामी भरी, फिर दोनों ने चाट और पानी पुरी का लुत्फ़ उठाया फिर कुणाल ने उसे, घर के सामने छोड़ा और कहा

कुणाल-"बाय गरिमा"!

गरिमा -"और कुछ नहीं कहोगे"!

कुणाल-"और क्या कहूं"?

गरिमा -"तुम्हारी जगह में होती तो नंबर मांगती, तुम्हारे"!

कुणाल-"पर मैं, नहीं देती"! कुणाल ने लड़की के भाव से कहा

गरिमा -"क्यों नहीं देती"!

कुणाल-"क्योंकि मैं, अनजान लोगों को अपना नंबर, नहीं देती हूं"!

गरिमा -"चलो,,मैं, तुम्हारे लिए अनजान ही सही पर तुम, मुझे अपने से लगे, तुम्हारे नंबर दो"!

कुणाल -"इतनी जल्दी क्या है, कल मिलते हैं और मेरे जैकेट पर कब्जा मत कर लेना, एक ही जैकेट है, मेरे पास"!

गरीमा-"अभी ले जाओ, धुलाई कर दे दूंगी, बाय"!

कुणाल हंसता हुआ जा रहा है और गरीमा उसे, मुस्कुराती हुई देख रही है,

अगले दिन

गरिमा, गुलदस्ता और जैकेट लेकर कॉलेज आई है, उसने अपनी फ्रेंड से पूछा

"कुणाल कहां है"?

फ्रेंड -"अरे,,,तू क्यो उसके चक्कर में लग रही है, कॉलेज का सबसे बड़ा, बेड बाय है वो, कोई फ्यूचर नहीं है उसका, यहां पढ़ने नहीं, आवारागिर्दी करने आता है, रोज लड़ाई-झगड़ा, मारपीट, बस यही आता है उसको"!

अपनी फ्रेंड से कुणाल की सच्चाई जानकर, गरिमा को निराशा हुई और उसने कहा

गरीमा-"उसका जैकेट लौटाना है, इसलिए पूछ रही हूं "!

फ्रेंड -"राजा साहब,,,एक दिन कालेज आते हैं और 2 दिन छुट्टी मारते हैं, मेरी, माने तो उसे, सीरियसली मत ले, इसी में तेरी, भलाई है, वह आ गया, ला मैं, उसे जाकर दे देती हूं"!

गरिमा -"सुन,,यह गुलदस्ता भी दे देना और मेरी तरफ से थैंक्स कह देना"!

फ्रेंड-"ठीक है,,तु क्लास में जा, में देकर आती हूं"!

गरिमा की फ्रेंड, कुणाल को जाकर, जैकेट और गुलदस्ता देती है, जिसे कुणाल खुश होकर, स्वीकार करता है, गरिमा ने यह छुप कर देखा और सोचा

"अगर यह मैं, अपने हाथ से देती तो उसे ज्यादा खुशी होती"!

क्लास में उसी जगह पर आज भी गरिमा, कुणाल बैठे हैं पर गरिमा ने एक बार भी कुणाल की  तरफ नहीं देखा, गरिमा का यह सख्त रवेया, उसके चेहरे पर उदासी का भाव भर देती है, उसके दोस्त, उसके साथ मस्ती-मजाक कर रहे हैं, पर वह केवल,उनके बीच औपचारिकता निभा रहा है,

छुट्टी के बाद

कुणाल ने जाती हुई गरिमा को पुकारा

कुणाल -"गरिमा"!

गरिमा -"हां,,,कहो"! पलट कर कहा

कुणाल -"वह गुलदस्ता, तुम, अपने हाथों से देती है तो मुझे ज्यादा, खुशी होती"!

गरिमा -"क्या फर्क पड़ता है, मैं दु या मेरी सहेली दे"!

कुणाल -"पर मुझे फर्क पड़ता है"!

गरिमा -"क्या फर्क पड़ता है, तुम जैसा सोच रहे हो, वैसा बिलकुल भी नहीं है"!

कुणाल -"व्हाट,,में क्या सोच रहा हूं"?

गरिमा -"यही कि कल मेरी हेल्प की, अच्छी बातें कि, मुझे खिलाया-पिलाया, बाइक पर घुमाया और अच्छे लड़के की तरह घर छोड़ा तो मैं, तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन गई, अब मजे करेंगे, मैं उन लड़कियों में से नहीं हूं, मेरा फोकस केवल स्टडी पर है और स्टडी ही मेरा लव है, मेरे सपने देखना बंद कर दो, क्योंकि मैं जैसे, लड़कों को पसंद करती हूं, वैसी, तुम में एक भी क्वालिटी नहीं है"!

गरिमा की बात सुनकर, रोहन को गुस्सा आया और उसने कहा

रोहन-"ओ,,पढ़ी-लिखी गंवार, पहले किसी से बात करने की क्वालिटी सीख ले, तू मेरे कुणाल की क्वालिटी की बात करती है, अगर तेरी जगह लड़का होता तो उसका, मुंह तोड़ देता"!

कुणाल -"जाने दे यार,,,ज्यादा पढ़ी-लिखी है, टॉपर है, दिल तोड़ के दिमाग से बात करती है"!

गरिमा वहां से चली जाती है और वाहन स्टैंड आकर, अपनी स्कूटी निकालती है, तभी गौरव, अपने साथियों के साथ आता है, गरिमा से स्कूटी चाबी छूड़ाता है और कहता है

गोरव-"कुणाल के साथ बाइक पर बैठकर, बहुत गुलछर्रे   उड़ा रही है, कभी हमारी बाइक पर भी आकर, बैठ जाओ"!

गरिमा -"अपनी भलाई चाहते हो तो चाबी वापस दे दो"!

गौरव-"नहीं तो क्या कर लेगी, तेरे खसम, कुणाल को बुलाएगी, जा बुला"!

गरिमा ने गोरव को तमाचा मारा, गौरव ने गाल संभालते हुए, गरिमा को गुस्से से देखा और उसकी चोटी पकड़ी, और उसका दुपट्टा निकाल कर कहां

गौरव -"आज तो सिर्फ दुपट्टा निकाल रहा हूं, अगर अगली बार मुझ पर हाथ उठाया तो सारे कपड़े निकाल दूंगा"!

और उसकी, चोटी पड़कर, स्कूटी के ऊपर धकेला, जिससे गरिमा के होठों पर चोट आ जाती है और खून बहने लगता है, गौरव, गरिमा का दुपट्टा लेकर, अपने साथियों के साथ चला जाता है

कुणाल ने गरिमा को रोते हुए देखा और उसके होठों से खून बहते हुए देखा तो वह तिलमिला उठा और गरिमा से पूछा

कुणाल-"किसने किया"?

पर गरिमा कुछ नहीं कहती है और रोती रहती है,

फिर वह जोर से कहता है

कुणाल-"किसने किया है ये"?

उसकी सहेली सब कुछ बताती है, फिर कुणाल, गरिमा का हाथ पड़कर, उसे गौरव के सामने, खड़ा करता है, गौरव अपने साथियों के साथ सिगरेट पी रहा है, उसके साथी ने कहा

"कुणाल, उस लड़की को लेकर आया है"!

गौरव -"आने दो साले को, इससे कल का बदला लेना है"!

कुणाल ने आकर कहा -"भोसड़ीको,,,लड़की पर हाथ उठाते हो"!

गरिमा ने कुणाल की तरफ देखा और कुणाल ने कहा

कुणाल-"तुमने सही कहा था, मुझ में एक भी क्वालिटी नहीं है"!

फिर कुणाल ने गौरव के मुंह से सिगरेट निकाली ओर उस से कहा

कुणाल -"यह लड़की कहती है, मुझमें, इसके पसंद की, एक भी क्वालिटी नहीं है पर इसमें, मेरी पसंद की सारी, क्वालिटी है ओर मादरचोदो,,,तुमने, मेरी पसंद को धमकाया, उसे मारा"! कुणाल ने जोर से कहा

ओर उस जलती सिगरेट को गोरव के होंठ पर बुझाया, फिर गौरव और उसके, तीनों साथियों को कुणाल ने अकेले,खूब पीटा और मार-मार कर, चारों का हाल, बेहाल कर दिया,  फिर उन चारों ने कुणाल के पैर पड़कर माफी मांगी और गौरव ने कुणाल के हाथ में दुपट्टा दिया

कुणाल ने वह दुपट्टा गरिमा के आंचल पर ओडा़या, तब गरिमा ने कुणाल की आंखों में देखते हुए कहा

गरीमा -"आई लव यू"! कुणाल"!

कुणाल -"तुम जैसा सोच रही हो, वैसा बिलकुल भी नहीं है, तुम खूबसूरत हो,गोरी हो तो क्या मुझे, तुमसे प्यार हो जाएगा, मेरा फोकस केवल, लड़ाई-झगड़ों और मारपीट पर है और में,ऐसे ही कामों से प्यार करता हूं, वैसे भी मैं, जैसी लड़की को पसंद करता हूं, वैसी तुम में एक भी क्वालिटी नहीं है, आई हेट यू, गरिमा"!

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